Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2020

कोरोना से नही हारना

 में नही चाहती की तुम हारो,   तुम नही में दिल से चाहती हु की कोई भी इस जंग में ना हारे लेकिन मुझे पता हैं की कौन बचेंगे इस लड़ाई में कभी लगता हैं की ये लड़ाई हैं स्वयं की स्वयं से विरुद्ध ये लड़ाई हैं अपनी ही आदतों से ये लड़ाई हैं हमारी ही सोच से  ये लड़ाई हैं हमारे भीतर पल रहे वाइरस की  ये लड़ाई हैं देश को बचाने की  सब को लगता है की हम को कुछ नही होगा कोरोना हमारा क्या उखाड़ लेगा लेकिन कभी सोचा है.... ए वाइरस नही तुम्हें तुम्हारी आदतें ही वहाँ तक ले जाएगी, वो वाइरस इतना स्वाभिमानी हैं की बिना बुलाये मेहमान नवाजी आपके वहाँ कभी नही करता। घर पे रहना, हाय, कैसे रहंगे ? ये सोच में डूबे हो?  लगता हैं की भूल गए हो की घर क्या होता हैं बूढ़े मा - बाप के चहेरे की हसी क्या होती हैं बच्चों की किलकारी क्या होती हैं उन दीवालों को कभी ग़ौर से देखा हैं जिन पे तुम्हारी ही तसवीर टंगी रहती हैं?  पहचानते हो उस शख्श को ?  की भूल गए हो?  पिछले सोमवार को जो लाये थे किताबें आज भी वो मेज़ पर पड़ी इंतजार कर रही हैं सिर्फ़ तुम्हारा  अपने अंदर जा...