Guru Purnima is the occasion of showing gratitude towrds spiritual Guru as the Indian Tradition. But It is necessary to show your gratitude towrds teachers - Gurus from whom we can learn the life long lessons.
Guru is the person who always motivates us, supports us, and mould our characters. The real teachers are always teach us that see the things differently. They teach us how to think not What to think. I am really grateful to all my teachers who taught me. I am obliged to Bina Mam Bhat Dr. Rathva sir, Sodha sir, and Vishal joshi and specially Dr. Dilip Barad who gives the critical aspiration and the new vision while learning in the Department of English.
Though i am not able to write such great things about Guru, this is only little one effort only.
आपने ही शीखाई थी वो दुनया के दो महान गुरु
शिष्य की बाते, Plato and Aristotle के तर्क -विर्तक.
एक ने कभी अपने शिष्य से नही कहा की प्रश्र्न मत पूछो और दुसरे ने कभी बीना पूछे स्वीकार नही कीया !
एक ने कभी अपने शिष्य से नही कहा की प्रश्र्न मत पूछो और दुसरे ने कभी बीना पूछे स्वीकार नही कीया !
आप ही ने तो शीखाया है वो Meaningless
का Meaning, वो Absurd बातें हो या Sisyphus
की बेहाल रातें ,आप ही ने दीया हैं वो Tragedy का ज्ञान, वो Dr.Fausts
हो या Hamlet,
कोई नही शीखा सकता था उसका moral इतना आसान,
Denationalization शीखा कर बेसक शीखाया हैं पढ़ना, पढ़ते तो
रोज थे लेकिन अब समज में आया कैसे और क्या हैं
हमको पढ़ना!
आज भी हो जाती हैं apply वो Deconstruction
theory, सब को अब हम समज में नही आते ; हसते गाते, मुस्कुराते
हम सोचते रहते हैं सिर्फ उसके बारे में.!
आप ही ने तो शीखाया हैं वो Web
Presence का मतलब, कैसे ईस्तिमाल कीया जाता हे वो Facebook
and Whatsapp.
शिखाया हैं कभी
accept मत करो without Questions, Testing or Examine के साथ
नज़रिये को नया नज़रिया दीया और आप ही ने तो है सोचने का तरीका शीखाया !
अब देवालयो में शर नही जुकता, नतमस्तक
हो जाते हां जब भी समज में आता हैं ईन्सानियत का मर्म .!
श्रध्धा और आस्था के साथ शीखाया वो Rational
thinking का दौर , अब हम Criticism से बाज़
नही आते और लोगो को षमज में नही आते !
जब जब भी सोचते थे ; कुछ नया
कर जाये , तब तब आपने ही तो होंसला बढा़या , बंध
पिंजरे के तोडकर आसमान में उड़ना शीखाया !
आप ही ने तो दीया हैं हर नजर को एक नया नज़रिया
, आप ही ने तो शीखाया हैं भीड़ मे रहकर भी भीड़ से दुर चलना !
शीखाया हैंजिम्मेदारी का मतलब , We can't take individual decision , वो chain of Responsibility का life long lesson .
आप ही ने तो शीखाया हैं हर हाल में चलना , न हार का
खौफ़ न जीत की आशाए , सिर्फ चलते रहना, मुश्किलो से
भीड़ते रहना, और कार्य को पूूर्ण करना !
शीखाया हैं जिंदगी जिने का सलीका , वो हर एक
दिन की छाँव और कभी न ढलने वीली धूप में भी चमकते रहना !
सही कहा हैं जब जब भी समज जाओगे , मन में
बेचेनिया ही पाओगे, अंदर ही अंदर पिघल जाओगे !
कभ कबार हस भी नही पाते लेकिन कुछ कर भी नही
पातें, एक सुकुनसा मिलता हैं जब सोचते हैं अच्छा है वो नही जानते
लेकीन हम तो जानते हैं की वो क्या नही जानते !
वो आपही तो शीखाया हैं I don't know what I don't know का करिशमा ,वो आप ही ने तो दिखाया हैं Nothingness का Nothing.
जब जब भी हार कर बैठ़ गये थे ; आप ही ने तो आशा की किरण जगाई , आप ही ने तो शिखाया हैं कि कैसे जाता हैं शिखाया !
वो आपही तो शीखाया हैं I don't know what I don't know का करिशमा ,वो आप ही ने तो दिखाया हैं Nothingness का Nothing.
जब जब भी हार कर बैठ़ गये थे ; आप ही ने तो आशा की किरण जगाई , आप ही ने तो शिखाया हैं कि कैसे जाता हैं शिखाया !
जहाँ जहाँ भी जायेगें बेसक उन ऊसुलो की रहेगा
पल्ला भारी, हम सोचेगें और सोचने पर मजबुर भी करेगें ,
अब
तो चाहे जो भी कहले दुनिया लेकिन आप ही ने तो काबि़ल ईन्सान बनाया !
तो चाहे जो भी कहले दुनिया लेकिन आप ही ने तो काबि़ल ईन्सान बनाया !
कोटी कोटी नमन
Comments
Post a Comment